दिल्ली शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल लाल किला के बारे में कौन नही जानता लेकिन क्या आपके लाल किला के छुपे हुए रहस्यों के बारे में पता है। आज हम इस ब्लाग में लाल किला से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्य जैसे इसका इतिहास, वास्तुकला, किले में स्थित अन्य स्मारक और उनसे जुड़े हुए सभी रहस्यों की चर्चा करेगें।
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लाल किला के निर्माण का गुप्त कारण
2007 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल यमुना नदी के तट पर बना लाल किला मुगलो के गौरव का प्रतीक है। हालाकि इसके निर्माण सबसे महत्वपूर्ण कारण आगरा में हो रहे लगातार हमले से बचने के लिए दिल्ली में लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने करवाया। जिसे बनने लगभग बीस वर्षों का समय लगा।
लाल किला के छुपे हुए रहस्य यह है कि लाल किले का पहले रंग सफेद हुआ करता था लेकिन अंग्रेजो ने इसे सुरक्षित रखने के लिए पूरे किले को लाल रंग से रंग दिया। जिसे इन्होनें रेड फोर्ट कहा जिसका हिन्दी में अर्थ है लाल किला । यह मुगलकालीन वास्तुकला की सबसे भव्य कलाकृति का नामकरण अंग्रेजों ने किया।
गुप्त सुरंगों का रहस्य
दिल्ली के लाल किले के अंदर आज भी गुप्त सुरंगों का जटिल जाल स्थित है। जिन्हे आज के समय में बन्द कर दिया गया है। हालाकि मुगल काल में इन सुरंगों का उपयोग मुगल बादशाह किसी आपात स्थिति में सुरक्षित किले से बाहर निकलने के लिए करते थे। ज्यादातर सुरंगे समय के साथ नष्ट हो गयी है। यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
लाल किला का इतिहास
लाल किला भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण स्मारक है क्योकि जब भारत को 1947 में आजादी मिली तो भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने लाल किले के प्राचीर से पहली बार ध्वजारोहण एवं देश की जनता को सम्बोधित किया। तब से लेकर आज तक भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री प्रति वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस में ध्वजारोहण किया जाता है।
लाल किले का निर्माण शाहजहाँ ने 1638 ई0 में शुरु किया था इसके निर्माण में लगभग 10 वर्षो का समय लगा। शाहजहाँ ने इसे शाहजहानाबाद नाम दिया। सन 1948 में बन कर तैयार होने वाली इस भव्य मुगल कालीन वास्तुकला का प्रतीक आज भारत का गौरव है। इस किले पर मुगलो ने लगभग 200 वर्षों तक शासन किया।यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
लाल किला की वास्तुकला
शाहजहाँ द्वारा बनवाई जाने वाली सबसे प्रसिद्ध इमारत ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने लाल किला को भी अपनी विवेकशीलता से अत्यन्त उत्कृष्ट कलाकृति के रुप में बनाया। इसलिए मुगलकाल में स्थापत्य कला का स्वर्णिम काल शाहजहाँ के काल को कहा जाता है। जिसने आगरा का ताजमहल, दिल्ली में लाल किला, जामा मस्जिद एवं बहुत सी उत्कृष्ट स्मारको का निर्माण करवाया। यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
लाल किला परिसर के अंदर स्थित प्रमुख स्मारक
दिल्ली दरवाजा
दिल्ली दरवाजा या दिल्ली गेट का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1638 ई0 में करवाया था । मुगल बादशाह इस दरवाजे से नमाज पढ़ने के लिए जामा मस्जिद जाते थे तब इस्तेमाल करते थे। यह दरवाजा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
दिल्ली गेट नाम से एक और दरवाजा प्रसिद्ध है जो गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित है। यह एशलर स्टोन से बना हुआ है। यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
लाहौर दरवाजा / लाहौरी गेट
लाहौरी गेट लाल किले का मुख्य प्रवेश द्वार है। इस गेट को लाहौरी गेट इसलिए कहा जाता है क्योकि इस दरवाजे से होकर यात्री लाहौर शहर की ओर जाते थे। इसी प्रकार लाहौर के शाही किले में एक दिल्ली गेट है जो दिल्ली शहर की ओर आता है। लाहौरी गेट दिल्ली में स्थित लाल किले का पश्चिमी द्वार है।
दीवान ए आम
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि इस भवन में मुगल बादशाह आम लोगो की शिकायते एवं फरियाद सुना करते थे।यह प्रागंण एक बड़ा हॉल (100 x 60 फीट) जो तीन तरफ से खुला हुआ है और इसके पीछे लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ एक कमरों का समूह है। यह हाल के तीनो तरफ मेहराब कटिंग के छोटे छोटे डिजाइन बनाये गये है जो देखने पर आपका मन मोह लेगें।यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
दीवान ए खास
दीवान-ए-खास लाल किले की सबसे भव्य इमारत है क्योकि सफेद संगमरमर से बनी यह इमारत जिस पर रंगीन पत्थरों की पच्चीकारी इतनी सटीकता से की गयी है कि मुगल कालीन वास्तुकला का सबसे अनुपम नमूना है। दो स्तम्भों के बीच मेहराब कटिंग की शानदार डिजाइन बनाई गयी है।यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
नक्कारखाना
नक्कारखाना या नौबतखाना दरअसल एक ढ़ोल घर है जो लाल किले के प्रवेश द्वार पर है। यह नौबतखाना दीवान ए आम से जुड़ा हुआ है जहाँ से संगीतकार आम जनमानस के लिए दरबार में आये सम्राट और अन्य शाही घराने से सम्बन्धित व्यक्तियों के आगमन की घोषणा करते है। इन नौबतखाने में दिन में पाँच बार संगीत का आयोजन होता था। हालांकि कुछ इतिहासकारो के अनुसार इसी नौबतखाने मे मुगल सम्राट जहाँदार शाह एवं फर्रुखसियर की हत्या भी यही की गयी थी।
हमाम ए लाल किला
दीवान ए खास के उत्तर में स्थित यह तुर्की स्नानघर जो संगमरमर का एक स्नान घर है। जो महल के इमारत का एक हिस्सा है। यह तीन भागों में बँटा हुआ है जो गलियारे की वजह से अलग अलग दिखाई देते है और इनके रोशनदान रंगीन पत्थरों की पच्चीकारी से इस शाही हमाम के खूबसूरती में चार चाँद लगा देते थे। इस हमाम में गर्म तथा ठंडे पानी की व्यवस्था थी। लाल किला के छुपे हुए रहस्य में यह भी एक महत्वपूर्ण स्मारक है।यह सारी जानकारी लाल किला के छुपे हुए रहस्य को दर्शाती है।
नहर ए बहिस्त
नहर ए बहिस्त पूरे लाल किले में एक ऐसी जल प्रणाली थी जिससे की यमुना नदी से पानी सबसे पहले लाल किला परिसर के अन्दर स्थित एक शाही जलाशय में आता था वहाँ से पानी उच्च वैज्ञानिक तकनीक से किले हर इमारत तक नालियों को इस तरह से बनाया गया था कि चौबीसों घण्टे पानी उपलब्ध रहता था। जिससे की इमारते ठण्डी रह सके । इसी खूबी की वजह से इसे जन्नत की नहर भी कहा जाता था। नहर ए बहिस्त भी लाल किला के छुपे हुए रहस्य का एक हिस्सा है।
मोती मस्जिद
दिल्ली लालकिलेा परिसर के अन्दर स्थित मोती मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब ने करवाया था। औरंगजेब ने इस मस्जिद का निर्माण सन 1659 में अपने निजी रुप से नमाज पढ़ने के लिए बनवाया था। इस मस्जिद की वास्तुकला मुगल शैली से काफी हद तक प्रेरित है इस छोटी तीन गुम्बदों वाली तराशे हुए हुए सफेद संगमरमर के पत्थरों द्वारा निर्मित की गयी है।
हयात बख़्श बाग
हयात बख्श बाग जिसका अर्थ है जीवन देने वाला उद्यान दिल्ली में लाल किले में सबसे बड़ा उद्यान है। यह बाग शाही महल के बिल्कुल पास में है। इसी के पास दीवान ए आम है जहाँ मुगल बादशाह अपने खास लोगों के साथ बैठक करते थे। इसी के पास शाही हमाम और मोती मस्जिद भी स्थित है। इस बाग में हिन्दू पंचांग की दो ऋतुओं के नाम पर सावन और भादो दो मंडप बनवाए गये थे ये दोनो मंडप बाग के दो छोर पर स्थित जो संगमरमर से निर्मित थे।
लाल किले के छुपे हुए रहस्य क्या है ?
लाल किले के छुपे हुए रहस्य के बारे में विस्तृत चर्चा ऊपर ब्लाग में की गई है।
लाल किला किस राज्य में है ?
लाल किला केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली में स्थित है।
लाल किले का पुराना नाम क्या था ?
लाल किला का पुराना नाम किला-ए-मुबारक था।
लाल किले का नया नाम क्या है ?
लाल बलुआ पत्थर से निर्मित होने के कारण आज भी इन्हे लाल किला ही कहा जाता है।
लाल किला कितने बीघे का है ?
लाल किला लगभग 255 एकड़ में फैला हुआ है।
लाल किला कब बना ?
लाल किला का निर्माण सन 1638 से 1648 के बीच हुआ । जिसे बनने में 10 बर्षों का समय लगा।
लाल किला किसने बनवाया ?
लाल किला मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था।
लाल किला कहाँ स्थित है?
लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
लाल किले का असली नाम क्या है ?
किला-ए-मुबारक
लाल किले के अंदर क्या क्या चीजे है ?
लाल किला के अन्दर मोती मस्जिद, दीवान ए आम, दीवान ए खास, नौबतखाना, हमाम, हयात बख्श बाग स्थित है।
नौबतखाना किसने बनवाया था ?
नौबतखाना एक ढ़ोल घर है जहाँ संगीतकार लोग दिन में पाँच बार संगीत का आयोजन किया करते थे। इसे
नौबतखाना से आप क्या समझते है ?
एक संगीतघर जिसे शाहजहाँ ने बनवाया था।
दिल्ली शहर में कितने द्वार थे ?
दिल्ली शहर को शाहजहाँ ने शाहजहांनाबाद के रुप में बसाया था उस समय इस शहर में आने के 14 प्रवेश द्वार थे।
लाल किला timing क्या है ?
लाल किला सुबह 9ः30 से 4ः30 तक खुला रहता है।
मोती मस्जिद के संस्थापक कौन थे ?
औरंगजेब ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए मोती मस्जिद का निर्माण लाल किले के अन्दर करवाया।
औरंगजेब ने मोती मस्जिद का निर्माण कब करवाया था ?
दिल्ली के लाल किले के अन्दर स्थित मोती मस्जिद का निर्माण सन 1659-1660 में औरंंगजेब ने करवाया था।
इस ब्लाग में हमने आपको मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा निर्मित लाल किला के सभी रहस्यमयी, रोचक जानकारी साझा की है। आशा है कि आपको ये पसन्द आया होगा।
धन्यवाद।