Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

Chunar fort नाम सुनते ही हमारो दिमाग में तुरन्त चन्द्रकांता सीरियल याद आता है क्योकि चुनार का किला को प्रसिद्धि देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास के कारण ज्यादा मिला। चुनार के किले से समबन्धित सारे ऐतिहासिक रोचक तथ्य, कहानियाँ, किवदंतियाँ आदि की चर्चा इस ब्लाग में की गयी है।

चुनार का किला किसने बनवायाः Chunar fort kab bana ?

chunar fort image Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

चुनार किले को चुनारगढ़ और चरणाद्री एवं चन्द्रक्रांता के नाम से भी जाना जाता है। इस किले के निर्माण राजा विक्रमादित्य (उज्जैन के शासक) ने लगभग ईसा पूर्व में करवाया था। यह किला कैमूर की पहाड़ियों में गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस कले पर सल्तनत काल, मुगल काल , सूरी वंश, अवध के नवाबों एवं अंग्रेजों ने इस किले पर अपना आधिपत्य जमाये रखा।

Chunar fort history: चुनार किला का इतिहास

chunar ka kila 1 Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

सर्वप्रथम इतिहास में चुनार किले का महत्व बाबर के कार्यकाल में प्रकाश में आता है जब बाबर द्वारा सन 1529 चुनार के किले को कब्जा करने में अपने बहुत से सैनिकों की जान गवाँ थी। इसके तुरन्त बाद ही शेरशाह सूरी ने 1532 में उस समय के गवर्नर ताज खान सारंग खानी की विधवा से शादी करके किले का अधिग्रहण कर लिया। सूरी को चुनार किले पर कब्जा करने के कारण अत्यधिक खजाने की प्राप्ति हुई।

उसी समय दिल्ली में मुगलिया सल्तनत के वारिस हुमायूँ की नजर चुनार के किले पर पड़ी। जिस समय शेरशाह सूरी बंगाल में था उसी समय हूमायूँ ने चुनार तथा जौनपुर दोनो किले पर नियत्रंण कर लिया। हूमायूँ ने दोनो किले पर कब्जा छोड़ने के लिए शेरशाह से बंगाल को छोड़ने, ढ़ेर सारा धन तथा शेरशाह को सूरी को मुगल संरक्षण में आने का प्रस्ताव भी रखा।

हूमायूँ ने जब बंगाल पर नियत्रंण स्थापित किया उसी समय शेरशाह ने फिर से चुनार के किले पर कब्जा कर लिया। शेरशाह के पुत्र इस्लाम शाह इसका उत्तराधिकारी बना। इसके बाद इस्लाम शाह के पुत्र आदिल शाह द्वारा सन 1557 तक शासन किया गया। सूरी वंश के पतन के बाद फिर मुगल वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक अकबर द्वारा सन 1575 में इस पर अपना कब्जा किया। अकबर ने इस किले का पुनर्निर्माण भी करवाया। मुगल शासन के कमजोर होने के बाद अहमद शाह दुर्रानी ने इस किले पर कब्जा कर लिया।

अंग्रेजों के अधीन

chandrakanta chunargarh Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

अंग्रेजी शासन जब अपने चरम पर पहुँच चुका था जिसमें लगभग पूरा भारत उनके कब्जे में आ चुका था तो सन में मेजर मुनरो ने इस किले पर कब्जा कर लिया। अंग्रेजों ने इस किले को हथियार रखने एवं तोपखाने के रुप में प्रयोग किया। कुछ समय के लिए बनारस के राजा महाराजा चेत सिंह द्वारा इस कब्जा किया गया मगर फिर अंग्रेजो ने इसको खाली करवा लिया।

1791 में, यूरोपीय और भारतीय बटालियनों ने किले को अपना मुख्यालय बनाया। 1815 के बाद से किले को कैदियों के लिए एक घर के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इसी किले अंग्रेजों ने महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी रानी जींद कौर को भी कैदी रुप में रखा था लेकिन वह यहाँ से भाग कर नेपाल की राजधानी काठमांडू चली गयी।

चुनार किला का वास्तुकलाः Architecture of Chunar Fort

चुनार का किला इतिहास में कई बार निर्माण हुआ जो बलुआ पत्थर से बनी एक हवादार महल के रुप गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस किले में अनेक द्वार है जिसमें इसके पश्चिमी प्रवेश द्वार का निर्माण मुगल बंश के सबसे प्रतापी राजा अकबर ने बनवाया था। किले के अन्दर सोनवा मंडप, बावन खंबो की छतरी, भरथरी समाधि और वारेन हेस्टिंग्स का निवास आदि इमारते स्थित है।

chunar ka kila Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

भतृहरि समाधि

bharthari samadhi chunar fort Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भाई भतृहरि थे जिनकी समाधि किले में स्थित है। इस इमारत में चार प्रवेश द्वार है जिनका प्रयोग अनेक धार्मिक कार्यक्रमों में किया जाता है। इसी इमारत के सामने से एक खुफिया सुरंग जिस रास्ते राजकुमारी सोनवा गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाती थी।

सोनवा मंडप

sonawa mandap chunar fort Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

यह मंडप गंगा नदी के तट पर ही स्थित है जिसका वास्तुकला हिन्दू पद्धति से प्रेरित है जिसमें 28 स्तंभ, 7 मीटर चौडाई एवं 200 मीटर की गहराई वाली एक बावली स्थित है जिसका प्रयोग राजकुमारी सोनवा स्नान के लिए किया करती थी।

बावन खंबो की छत्री

chunar kila image Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

इस इमारत खंबो पर इसलिए बनाया गया कि महाराजा महादेव ने अपनी पुत्री सोनवा द्वारा 52 राजाओ को हराकर मिली जीत को याद करने के लिए इसका निर्माण किया। राजकुमारी सोनवा का विवाह महोबा के राजा के भाई आल्हा से हुआ जो आल्हा गीतों में सबसे प्रमुख किरदार है।

वारेन हेस्टिंग्स का निवास

वारेन हेस्टिंग्स ने अपने आराम करने के लिए एक इमारत का निर्माण करवाया था। जिसमें सन 1784 में एक सूर्य घड़ी भी बनवाया था। जो बाद में संग्रहालय के रुप में भी बदल दिया गया।

शाह कासिम सुलेमानी की दरगाह

shah kasim sulemani chunar fort Chunar fort history and Mystery : चन्द्रकांता से प्रसिद्ध चुनार का किला

शाह कासिम सुलेमानी की दरगाह चुनार किले के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। शाह कासिम सुलेमानी मूलतः अफगानिस्तान से थे। लेकिन इन्होने 27 वर्ष की आयु में मक्का और मदीना की तीर्थ यात्रा कर लिया था। उनके वापस लौटने के बाद इनके बहुत से शिष्य बन गये । अकबर उनसे नाराज था क्योकि उसकी पूजा पद्धति से सहमत नही था। बाद में जहाँगीर ने इनके चुनार के किले में कैद करवा दिया वही पर इनकी मृत्यु हो गयी । कालांतर में इनके अनुयायियों ने यहाँ पर इनकी एक मजार स्थापित कर दिया।

चुनारगढ़ का रहस्यः Mystery of Chunar fort

राजा विक्रमादित्य के भाई भतृहरि राजपाठ का त्याग करके संन्यांसी हो गये थे। जो बाबा गोरखनाथ के शिष्य थे। भतृहरि गोरखनाथ से ज्ञान लेने के बाद चुनारगढ़ आये और अपनी तपस्या करने लगे। उस समय यहाँ घना जंगल हुआ करता था जिस वजह महाराजा विक्रमादित्य ने इस स्थान पर चुनारगढ़ किले का निर्माण करवाया। योगीराज भतृहरि यही तपस्या करते हुए ही उनका स्वर्गवास हो गया । लेकिन वहाँ के लोकल लोगों का मानना है कि आज भी भतृहरि की आत्मा इस किले में निवास करती है।

Chunar fort को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि बाबू देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास चन्द्रकान्ता से हुई। यह उपन्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि इस आधार एक टेलीविजन सीरियल बना। जो कि उस दशक सबसे ज्यादा देखा गया।

इस उपन्यास तथा धारावाहिक में चुनारगढ़ के राजा शिवदत्त सेनापति क्रूर सिंह, तारा, भूतनाथ आदि कैरेक्टर काफी पसन्द किये गये। हालाँकि चन्द्रकांता उपन्यास एक काल्पनिक कहानी है जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही है।

Varanasi to chunar fort distance?

वाराणसी से चुनार का किला की दूरी 31 किलोमीटर है।

चुनार का किला कहां है?

चुनार का किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित है। जिसकी बनारस से दूरी मात्र 31किमी है।

चुनार किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है?

चुनार चीनी मिट्टी और लाल मिट्टी के बर्तन उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
चुनार में प्लास्टर आफ पेरिस से बने मूर्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है।

निष्कर्ष:Conclusion

दोस्तो आज हमने इस ब्लाग के जरियें लगभग Chunar fort से सम्बन्धित लगभग सारी जानकारी आपने साझा किया है। आशा है कि आपको यह ब्लाग पसन्द आया हो। यदि आपको यह ब्लाग पसन्द आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ अवश्य शेयर करे।

धन्यवाद

यदि आप मेरे ब्लाग पढ़ना चाहते है तो नीचे दिये गये लिंक पर कि्लक करे।

Agra ka tajmahal

Khajuraho Mandir Mystery

Leave a Comment